यह एक तेज़ी से चलते क्षोभक से संबंधित प्रतिक्रिया है, यदि हम पतले धागे पर कागज़ का टुकड़ा बांधकर मेंढ़क के आगे हिलायें, तो मेंढ़क निश्चय ही उसकी ओर लपकेगा।
22.
वस्तु का बिंब (दृश्य, श्रव्य, घ्राणजनित, इत्यादि) जीव के लिये किसी क्षोभक के संकेत का कार्य करता है, जिससे उसके व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है और यह अनुकूलित प्रतिवर्त कहलाता है।
23.
उसकी चिकित्सा के लिए मन के शरीराश्रित होने से शारीरिक शुद्धि आदि के साथ ज्ञान, विज्ञान, संयम, मन:समाधि, हर्षण, आश्वासन आदि मानस उपचार करना चाहिए, मन को क्षोभक आहार विहार आदि से बचना चाहिए तथा मानस-रोग-विशेषज्ञों से उपचार कराना चाहिए।
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उसकी चिकित्सा के लिए मन के शरीराश्रित होने से शारीरिक शुद्धि आदि के साथ ज्ञान, विज्ञान, संयम, मन:समाधि, हर्षण, आश्वासन आदि मानस उपचार करना चाहिए, मन को क्षोभक आहार विहार आदि से बचना चाहिए तथा मानस-रोग-विशेषज्ञों से उपचार कराना चाहिए।
25.
चिंतन के दौरान पैदा हुई नयी जरूरत आंतरिक कारण होती है, और ऐन्द्रिक संवेदनों के जरिए बाह्य विश्व से आए क्षोभक हमारे मस्तिष्क को उत्तेजित कर स्मृति से कुछ निश्चित बिंबों को हमारी चेतना के दायरे में ले आते हैं।
26.
यानि कि यहां ग्राही पर क्षोभक द्वारा पड़ने वाले प्रभाव से दृष्टि संवेदन तो पैदा हो रहे थे, पर प्रत्यक्षमूलक क्षमता के बिना रोगी उस क्षोभक वस्तु का प्रत्यक्ष करने में, उसका वस्तुपरक बिंब अपनी चेतना में परावर्तित करने में असमर्थ था।
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यानि कि यहां ग्राही पर क्षोभक द्वारा पड़ने वाले प्रभाव से दृष्टि संवेदन तो पैदा हो रहे थे, पर प्रत्यक्षमूलक क्षमता के बिना रोगी उस क्षोभक वस्तु का प्रत्यक्ष करने में, उसका वस्तुपरक बिंब अपनी चेतना में परावर्तित करने में असमर्थ था।
28.
ये क्षोभक उत्तेजन (stimulation, excitation) की सक्रिय प्रक्रिया आरंभ करते हैं (विशेषतः प्रांतस्था में) और प्रेरण के शरीरक्रियात्मक नियम के अनुसार उस वस्तु के अन्य गुणधर्मों के, जो दुर्बल क्षोभक हैं, विभेदन (discrimination) को अवरुद्ध कर डालते हैं।
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ये क्षोभक उत्तेजन (stimulation, excitation) की सक्रिय प्रक्रिया आरंभ करते हैं (विशेषतः प्रांतस्था में) और प्रेरण के शरीरक्रियात्मक नियम के अनुसार उस वस्तु के अन्य गुणधर्मों के, जो दुर्बल क्षोभक हैं, विभेदन (discrimination) को अवरुद्ध कर डालते हैं।
30.
बहरहाल, वैज्ञानिक छींक पर अनुसंधान करते रहे और आज जो जानकारी उपलब्ध है, उसके अनुसार यह एक नासा क्षोभक प्रतिवर्त है और इसका अच्छे या बुरे स्वास्थ्य, जन्म अथवा मृत्यु से कोई रिश्ता नहीं है और न इसका शकुन अथवा अपशकुन से कोई सैद्धांतिक संबंध है।