हकीकत में देखें तो संविधान में केवल तीन ही स्तंभ है-कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं विधायी पालिका लेकिन चौथे स्तम्भ के रूप में प्रेस पालिका / खबर पालिका को मानते आ रहे है।
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उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का ये चौथा स्तंभ खबर पालिका है, जो भले ही दिशा से कभी कभी भटकता हो, फिर भी समाज, राजनीति और अव्यवस्थाओं को बदलने का माद्दा रखने वाला एक मात्र माध्यम है।
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उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का ये चौथा स्तंभ खबर पालिका है, जो भले ही दिशा से कभी कभी भटकता हो, फिर भी समाज, राजनीति और अव्यवस्थाओं को बदलने का माद्दा रखने वाला एक मात्र माध्यम है।
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की उर्दू सहाफत इब्तेदा और इरतिका, मध्यप्रदेशातील मराठी पत्रकारिता, छत्तीसगढ़ः पत्रकारिता की संस्कार भूमि, हस्ताक्षर, स्मृति बिम्ब, समय से साक्षात्कार, तेवर, खबर पालिका की आचार संहिता जैसी शोधपरक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं जो संग्रहालय की गहन शोध संलग्नता और उसकी निरन्तरता की परिचायक हैं।
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नौकर बनकर रह गई हैं पार्टियाँ: डॉ. वैदिक विद्वान वक्ता और राजनीतिक विश्लेषक डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने विषय पर बोलते हुए कहा कि, आदर्श लोकतंत्र वह है, जिसमें विधान पालिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका और मीडिया यानि खबर पालिका की समान प्रतिष्ठा व प्रामाणिकता हो, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है।