कठिनाईयों में भी अपनी मुस्कान, अपने विनम्र स्वभाव, दयालु कार्य और कार्य में मेहनत, खराई तथा ईमानदारी के द्वारा अपने आस-पास के माहौल को रौशन कर दें।
22.
जुताई, बुआई, मड़ाई, खराई, खाद, पानी, प्रदूषण निवारण, पौष्टिक आहार, वाहन एवं भारवाहक साधन के रूप में इसकी उपयोगिता असंदिग्ध थी।
23.
कुछ समय बाद, जब उन दोनो में से एक ने प्रभु यीशु की खराई और स्वयं अपनी पापमय दशा की ओर ध्यान किया, तब उस का मन बदला, और उसने दूसरे डाकू को डांटा।
24.
उन्होंने अपने विश्वास की खराई को प्रमाणित कर के दिखा दिया कि वे “शोक करने वालों के समान हैं, परन्तु सर्वदा आनन्द करते हैं; कंगालों के जैसे हैं, परन्तु बहुतों को धनवान बना देते हैं;
25.
कार्य परमेश् वर हमसे चाहता है कि हम करें, और हम मसीह की शिक्षाओं के अनुसार खराई से चलें, यदि ऐसा करने पर हम पर सताव आए तो यह धार्मि क सताव है-यही मसीही सताव है।
26.
6 परमेश्वर ने उस से स्वप्न में कहा, हां, मैं भी जानता हूं कि अपके मन की खराई से तू ने यह काम किया है और मैं ने तुझे रोक भी रखा कि तू मेरे विरूद्ध पाप न करे: इसी कारण मैं ने तुझ को उसे छूने नहीं दिया।
27.
6 परमेश्वर ने उस से स्वप्न में कहा, हां, मैं भी जानता हूं कि अपके मन की खराई से तू ने यह काम किया है और मैं ने तुझे रोक भी रखा कि तू मेरे विरूद्ध पाप न करे: इसी कारण मैं ने तुझ को उसे छूने नहीं दिया।
28.
“तू अपनी धार्मिकता अथवा अपने मन की खराई के कारण अपने देश पर अधिकार करने नहीं जा रहा है, परन्तु इन जातियों की दुष्टता के कारण ही तेरा परमेश्वर यहोवा उनको तेरे सामने से खदेड़ रहा है कि वह अपने उस वचन को पूरा करे जिसकी शपथ यहोवा ने तेरे पूर्वजों अर्थात, इब्राहीम, इसहाक तथा याकूब से खाई थी।
29.
फिर भी उसने कई बार पौलस को बुलाया, उससे मसीही धर्म के संबंध में चर्चा करी, उसकी, खराई और सच् चाई के कारण अपने अधीनस् थ कर्मचारियों से उसने पौलुस की अच् छी देखभाल करने की व् यवस् था की ; किन् तु लिखा है-पौलुस की चर्चा सुनकर भयभीत होकर उसने कहा-अभी तो जा अवसर पाकर मैं तुझे फिर बुलाऊंगा।
30.
व्यवस्थाविवरण ९: ५ में परमेश्वर का उत्तर दिया है, “तू अपनी धार्मिकता अथवा अपने मन की खराई के कारण अपने देश अधिकार करने नहीं जा रहा है, परन्तु इन जातियों की दुष्टता के कारण ही तेरा परमेश्वर यहोवा उनको तेरे सामने से खदेड़ रहा है कि वह अपने उस वचन को पूरा करे जिसकी शपथ यहोवा ने तेरे पूर्वजों अर्थात, इब्राहीम, इसहाक, तथा याकूब से खाई थी |” प्रतिज्ञात देश पर विजय दुष्टता की सदियों के पूरा होने पर परमेश्वर का दण्ड है |