पोषक तत्वों वाली खाद देना अब सरकार की मजबूरी बन बैठी है, क्योंकि हमारी माटी में पोषक तत्वों की मात्रा काफी कम हो गई है।
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पोषक तत्वों वाली खाद देना अब सरकार की मजबूरी बन बैठी है, क्योंकि हमारी माटी में पोषक तत्वों की मात्रा काफी कम हो गई है।
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यह विधि भारत में अधिक प्रचिलित नही है, परन्तु दक्षिण भारत में हरी खाद की फ़सल अन्य खेत में उगाई जाती है, और उसे उचित समय पर काटकर जिस खेत में हरी खाद देना रहता है उसमें जोत कर मिला दिया जाता है इस विधि में जंगलों या अन्य स्थानों पर पेड पौधों, झाडियों आदि की पत्तियों, टहनियों आदि को इकट्ठा करके खेत में मिला दिया जाता है।
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यह विधि भारत में अधिक प्रचिलित नही है, परन्तु दक्षिण भारत में हरी खाद की फ़सल अन्य खेत में उगाई जाती है, और उसे उचित समय पर काटकर जिस खेत में हरी खाद देना रहता है उसमें जोत कर मिला दिया जाता है इस विधि में जंगलों या अन्य स्थानों पर पेड पौधों, झाडियों आदि की पत्तियों, टहनियों आदि को इकट्ठा करके खेत में मिला दिया जाता है।
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पर खेत में खाद देना भूल गये है, अतः हमारा खेत जल्द ही अनउपजाऊ हो जाएगा? जिस समाज और घर्म की रक्षा के लिए राम ने वनवास सहा, कृष्ण ने अनेकों कष्ट उठाए, राणा प्रताप जंगल-जंगल मारे फिरे, शिवाजी ने सर्वस्व अर्पण कर दिया, गुरू गोविन्दसिंह के छोटे-छोटे बच्चे जीते जी किले की दिवारों में चुने गये, क्या उनकी खातिर हम अपने जीवन की आकांक्षाओं का, झूठी आकांक्षाओं का त्याग भी नहीं कर सकते हैं?