(हिंदी तर्जुमे के साथ)पहाड़ियौ उठ!तुम नि जाणना कि ह्वै रौ ।तुम पथरीला गाड़-खेतून में'सोना' उगुने कोशिश कर छाऔर 'लोहा' समझि भेरसरहद पर भेज छाआफन बालक....तुम नि जाणनाबालक लोहा का बनिना का नि हुना....उन्स त सरहद पर 'लोहा' खान् पड़लो...!उन
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तुम पथरीला गाड़-खेतून में ' सोना' उगुने कोशिश कर छा और 'लोहा' समझि भेर सरहद पर भेज छा आफन बालक.... तुम नि जाणना बालक लोहा का बनिना का नि हुना.... उन्स त सरहद पर 'लोहा' खान् पड़लो...! उन शहीद नै बल्कि राजनीती का हातून पिटिया 'मोहरा ' ह्वाल.... और भोल सरकारी दफ्तारून में तुमरी बद हवाश ब्वारीन लोग कै नज़रले देखाल....? तुम नि जाणना...