यद्यपि इस बीच उसकी मानसिक दशा कई विकट स्थितियों से गुजर चुकी थी, फिर भी वह बड़ी देर तक काली स् याही से छपे कहानी के अक्षरों को स्थिर निगाहों से घूरता रहा-धीरे-धीरे उसे ऐसा लगा, यह अक्षरों की पंक्ति एक ऐसी खिड़की की जाली है, जिसके पीछे बिखरे बालों वाली एक निरीह लड़की का चेहरा झाँक रहा है।