बीते वक्त पर खीझना भी है रीझना भी ऐसे ही चलना है जीवन को सोचें क्या किया? करना है क्या? पढ़ना है पुराने हर्फ निकालना है नये अर्थ नई इबारतों से भरना है नए साल
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वह साईकिल पर जब खूब तेज निकलता और दौड़ता हुआ भाई पीछे रह जाता तो उसके पीछे रहने पर उसे खीझना नहीं चाहिए, ऐसे ही क्षणों में उसके भीतर भाई के प्रति कुछ कोमल-सी भावनाएं उठतीं।
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ज्यादातर उद् घोषक के बुरे चुनाव पर खीझना या फिर किसी अच्छे गाने को इत्मीनान से सुनने के चक्कर में घड़ी कि टिक-टिक को नजरअंदाज कर देना और फिर सोचना उफ् आज फिर दे र... ।
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बीते वक्त पर खीझना भी है रीझना भी ऐसे ही चलना है जीवन को सोचें क्या किया? करना है क्या? पढ़ना है पुराने हर्फ निकालना है नये अर्थ नई इबारतों से भरना है नए साल...
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मेरा बात-बात पर खीझना, कमियां निकालना और गुस्सा करना कम हुआ है, मैं अपनी चीज़ों की हिफाज़त करने लगा हूँ और उन्हें ठीक से रखता-सहेजता हूँ. सबसे अच्छी बात तो यह है कि मेरा खर्च कम हुआ है और मैं अधिक संतोषी जीव बन गया हूँ.