मृगशिरा अनुराधा श्रवण रोहिणी हस्त तीनों उत्तरा स्वाति धनिष्ठा और शतभिषा इन नक्षत्रों में षष्ठी को छोड कर अन्य तिथियों में तथा दिनों में गर्भाधान करना चाहिये, भूल कर भी शनिवार मंगलवार गुरुवार को पुत्र प्राप्ति के लिये संगम नही करना चाहिये।
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पुत्र (Son) की इच्छा रखने वाले को नीचे दिये कोष्ठक में से कोई-सी रात्रि पसंद करके जब पुरुष की दक्षिण (Right) नासिका और स्त्री की वाम (Left) नासिका चल रही हो तथा पृथ्वी तत्व (Earth elements) या पृथ्वी-जल का संयोग हो, तब गर्भाधान करना चाहिये।