ग़मी में आये लोगों के चहरे पर भी कैमरा घुमा देना, क्रिसमस पर सभी दोस्त आयेंगे-वीडियो देखने, उससे पहले ही भेजना।
22.
सुधीर की इच्छा नहीं थी कुछ खाने की घर में ग़मी हो गयी है क्रियाकर्म के पहले कैसे कुछ खा ले.
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ग़मी में आये लोगों के चहरे पर भी कैमरा घुमा देना, क्रिसमस पर सभी दोस्त आयेंगे-वीडियो देखने, उससे पहले ही भेजना।
24.
ताज़िया उठाने के समय भी गांव की यही मासूमियत, गांव का यही सौंदर्य, गांव की यही एकता मुहर्रम की ग़मी के बावजूद गुलज़ार रहती।
25.
सजते है जो ख्वाब तुम्ही से तुमसे खफा जो सजे कही से, हमारी यही खवाइश हमी से भर जाए हर ख्वाब ग़मी से...
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ताज़िया उठाने के समय भी गांव की यही मासूमियत, गांव का यही सौंदर्य, गांव की यही एकता मुहर्रम की ग़मी के बावजूद गुलज़ार रहती।
27.
दादी ने लंबी उम्र जी कर विदा ली थी तो ग़मी के बावजूद ख़ुशी का भी मौक़ा था सो उन्हें बाजे गाजे के साथ विदाई दी गई गांव से।
28.
“ ” आपको मेरे चेहरे की मुर्दनी से विश्वास नहीं होता? कोई भी समझ सकता है कि मैं ग़मी में हूँ। “ ” नहीं मुझे विश्वास नहीं होता।
29.
दादी ने लंबी उम्र जी कर विदा ली थी तो ग़मी के बावजूद ख़ुशी का भी मौक़ा था सो उन्हें बाजे गाजे के साथ विदाई दी गई गांव से।
30.
“अच्छा वो! धत्! मैं आपको क्यों लिखने लगी वैसा पत्र?” वह चुन्नी दांत से काटने लगी, “वह तो झरना जी ने आपको दिया था जब वे यहाँ आयी थीं, दादाजी की ग़मी में।”