सम्प्रेषण, प्रेक्षण की यह कोपविद्या, नारी के लिए है, सुगम, सरल ; साथ ही लाता है मनुहार का अवसर. परन्तु.... एक चुप हो चुके पुरुष मन को, मानाने और गुदगुदाने का, समझने और समझाने का नारी प्रयास क्या अर्थहीन है?
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प्रतियोगिता के दौरान रागिनी गायक राकेश किलोई, जितेन्द्र पड़ानिया, अमित मलिक, नरेन्द्र खरकराम, कुमारी राकेश श्योराण, कुमारी अन्जु सागर ने अपनी पार्टी के साथ जनता का भरपूर मनोरंजन किया तथा प्रतियोगिता के दौरान पवन दहिया ने अपने चुटकुलों के माध्यम से लोगो को गुदगुदाने का प्रयास भी किया ।
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खिलखिलाने, गुदगुदाने का मौसम बसंत हैजीवन में खुशियाँ लाने का, मौका अनंत है //न्याय की कुर्सी पर बैठकर, ईमान मत बदलोझूठ,फरेब,धोखा करने का मौका अनंत है //राम अमर हो गए, जिन्होनें चख लिया जूठा बेरदोस्तों,गरीबों को गले लगाने का मौका अनंत है //खूब फूलते-फलते है दोस्तों, पापी इस देश मेंक्योकि पापों को धोने को,यहाँ नदियाँ अनंत हैं //