| 21. | तत्पश्चात बाएँ पैर को घुटने से मोड़कर एड़ी गुदाद्वार के नीचे जमाएँ।
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| 22. | अब आप धीरे-धीरे अपनी एक उंगली उसके गुदाद्वार के अंदर डालें.
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| 23. | को हाथों द्वारा और फैलाएं ताकि गुदाद्वार और स्पष्ट दिखाई देने लगे.
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| 24. | इसकी तंत्रिकाएं मूत्राशय के द्वार और गुदाद्वार से भी जुड़ी होती है।
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| 25. | तत्पश्चात बाएँ पैर को घुटने से मोड़कर एड़ी गुदाद्वार के नीचे जमाएँ।
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| 26. | टिकियों को गुदाद्वार पर रखकर लंगोट बांधने से बवासीर ठीक हो जाती है।
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| 27. | मेंहदीं के पत्तों को जल के साथ पीसकर गुदाद्वार पर लगाकर लंगोट बांधे।
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| 28. | का आनंद दें साथ ही उसके गुदाद्वार और उसके आसपास तेज चुंबन दें.
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| 29. | गुदाद्वार से दिल तक के स्थान को अग्नि का स्थान बताया गया है।
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| 30. | पित्तज:-कच्चा मल निकले, पीले वर्ण का पानी मल सहित गुदाद्वार से निकलना
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