| 21. | गुफ़्तगू का न ख़तों का ही कभी नाता रहा
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| 22. | कौन ये समझाये उन को गुफ़्तगू में इश्क है
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| 23. | इस अन्जुमन में लाजवाब न हो तेरी ये गुफ़्तगू
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| 24. | मैं बयां वो करूं गुफ़्तगू किस तरह
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| 25. | कल उसकी आँखों ने क्या जिंदा गुफ़्तगू की थी
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| 26. | तन्ज़ की भाषा में मुझसे गुफ़्तगू करते हैं सब
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| 27. | ' कल रात ख़ुद से गुफ़्तगू की थी'
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| 28. | मिरी हर गुफ़्तगू है अब मुझी से-अभय कुमार ‘अभय '
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| 29. | होंठ भी हिलने न दूं और गुफ़्तगू सारी करूं
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| 30. | (गुफ़्तगू के सितम्बर 2011 अंक में प्रकाशित)
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