लाला राजपत राय खिलाफत और स्वतन्त्रता संग्राम के प्रसिद्ध नेता थे उन्हे भारत में बिट्रिश राज्य से इतनी घृणा थी कि सन् १ ९ २ १ में उन्होंने अपने एक भाषण में यह तक कह डाला कि दूसरी कोमो की गुलामी करने से मुसलमानो की गुलामी करना अच्छा रहेगा ।
22.
एकतरफा घोषणा या दिशा-निर्देश जारी करने से पहले इन रस्मों को धारण / निभाने वाली स्त्रियों की राय तो ले लेते कि वे चाहती क्या हैं, या शायद इनके लिए इन स्त्रियों की राय मायने नहीं रखती क्योंकि व्रत उपवास का मतलब पति की गुलामी करना ही होता है।