| 21. | यह फिर गुह्य-स्थान न रहा।
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| 22. | जीवन किसी भी तरह से गुह्य रहस्य नहीं है।
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| 23. | जीवन किसी भी तरह से गुह्य रहस्य नहीं है।
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| 24. | ऐसे गुह्य एकान्त को आसन कहा है।
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| 25. | जीवन के सारे गुह्य और सूक्ष्मतम अणु थे ।
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| 26. | जीवन के सारे गुह्य और सूक्ष्मतम अणु थे ।
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| 27. | गुह्य एकांत ही उनका आसन है-एकासन गुहायाम्।
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| 28. | अनेक मधुर, गुह्य और अज्ञात आभासी प्रतानों-सी कसमसाती-
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| 29. | तीन नक्षत्र गुह्य स्थान में कल्पना करें।
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| 30. | सभी भिक्षु इस गुह्य अर्थ को सुनकर अवाक् थे।
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