| 21. | पर भारतेंदु के गोलोकवास के थोड़े ही दिनों पीछे भाषा के संबंध में नए विचार उठने लगे।
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| 22. | श्री ब्रहमचारी जी के गोलोकवास के पश्चात् गोकुल चन्द्रमा जी की सेवा श्रीबल्लभकुली सम्प्रदाय द्वारा की जा रही है।
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| 23. | सुबह लगभग सात बजे जगद्गुरु के गोलोकवास की पहली खबर रमणरेती स्थित वृंदावन स्थित उनके आश्रम श्याया श्याम धाम में पहुंची।
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| 24. | इनका जन्म अनुमानत: सन 1510 ई॰ के आसपास, सम्प्रदाय प्रवेश सन् 1535 ई॰ तथा गोलोकवास सन 1585 ई॰ में हुआ था।
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| 25. | भारतेंदु के गोलोकवास के पीछे संवत् 1942 में यह हिन्दी दैनिक के रूप में निकला और बहुत दिनों तक चलता रहा।
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| 26. | आचार्य जी का जन्म संवत् 1535, वैशाख कृष्ण 11 को और गोलोकवास संवत् 1587, आषाढ़ शुक्ल 3 को हुआ।
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| 27. | इनका रचनाकाल संवत् 1640 के उपरांत ही माना जा सकता है क्योंकि गासाईं विट्ठलदास जी का गोलोकवास संवत् 1643 में हुआ था।
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| 28. | गुणनिकर गदाधार भट्ट अति सबहिन को लागै सुखद श्री चैतन्य महाप्रभु का आविर्भाव संवत् 1542 में और गोलोकवास 1584 में माना जाता है।
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| 29. | इनका जन्म अनुमानत: सन 1510 ई॰ के आसपास, सम्प्रदाय प्रवेश सन् 1535 ई॰ तथा गोलोकवास सन 1585 ई॰ में हुआ था।
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| 30. | अनुयायी बाबा के गोलोकवास से लेकर उन्हें मुखाग्नि दिये जाने समय तक के अखबारों में छपे फोटो अपने घर ले जा रहे हैं।
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