| 21. | हर गोशा गुलिस्तां था कल रात जहां मै था एक जश्न-ए-बहारां था कल रात जहां मै था
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| 22. | दिल के हर-एक गोशा में आग-सी इक लगाए जा मुतरब-ए-आतिशी नवा हाँ इसी धुन में गाए जा।
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| 23. | अगर चे उसी कलाम के गोशा व किनार में हक़ीक़त भी जलवा नुमाई कर रही होती है।
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| 24. | बच्चा मैं जरूर पाल रही थी, लेकिन मेरे अन्दर अन्दर उसके लिये कोई नरम गोशा नहीं था।
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| 25. | ज़र्रा ज़र्रा खौफ़ में है, गोशा गोशा जल रहा अबके मौसम के न जाने कैसे तेवर हो गए
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| 26. | ज़र्रा ज़र्रा खौफ़ में है, गोशा गोशा जल रहा अबके मौसम के न जाने कैसे तेवर हो गए
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| 27. | हर गोशा गुलिस्तान था कल रात जहाँ मैं था, एक जशन-ऐ-बहारां था कल रात जहाँ मैं था,
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| 28. | उस मुल्क से जहाँ आवाज़ को दफन कर देने का फरमान ज़ारी था.... इस गोशानशीन को ये गोशा मयस्सर हुआ..
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| 29. | हिंदू हिंदू के लिए नर्म गोशा रखे तो तअस्सुबी, मुस्लमान मुस्लमान के लिए हम दर्द रहे तो मोमि न.
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| 30. | मुझको लगा की दिल का हरेक गोशा ऐ सखी, जग-मग सा हो गया है जिया पाके नूर की.
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