| 21. | पुरुषार्थ चतुष्टय में गृहस्थ आश्रम को महत्वपुर्ण स्थान दिया गया है।
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| 22. | महाप्रभु ने इस अवधारणा के विपरीत प्रस्थान चतुष्टय का प्रतिपादन किया।
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| 23. | यहां तक पुरुषार्थ चतुष्टय के व्रत की यहां पूर्णाहुति हो जाती है।
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| 24. | मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार के चतुष्टय से युक्त चेतन को जीवन या
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| 25. | तदनन्तर देव, असुर, पितृ और मनुष्य-इस सर्ग चतुष्टय का प्रादुर्भाव हुआ।
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| 26. | लिये चार साधनों के समूह के रूप मे साधन चतुष्टय बतलाए गये हैं-
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| 27. | आचार्य विश्वनाथ ने भी पुरुषार्थ चतुष्टय को ही काव्य का प्रयोजन माना है।
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| 28. | इनके अतिरिक्त अन्तःकरण चतुष्टय (मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार) यह चौबीस हो गये ।
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| 29. | डाँ. पुष्पा दीक्षित ने नाट्यशास्त्र से जोडकर पुरुषार्थ चतुष्टय की चर्चा की।
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| 30. | छायावादी चतुष्टय के कवियों के बीच सुमित्रानंदन पंत का रचना-काल सर्वाधिक विस्तृत था।
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