-२ये बदरी कहाँ से आई है गहरे गहरे नाले गहरा गहरा पानी रेगहरे गहरे नाले, गहरा पानी रेगहरे मन की चाह अनजानी रेजग की भूल-भुलैयाँ में-२कूँज कोई बौराई है ये बदरी कहाँ से आई है चीड़ों के संग आहें भर लींचीड़ों के संग आहें भर लींआग चनार की माँग में धर लीबुझ ना पाये रे, बुझ ना पाये रेबुझ ना पाये रे राख में भी जोऐसी अगन लगाई है ये नीर कहाँ से बरसे है...