अगर जहर अम्ल (कैमिकल) वाला है तो रोगी को जल्दी से क्षार वाली चीजें पिलाएं जैसे-चूने का पानी, मैग्नेशिया या पानी में खड़िया मिट्टी या चाक घोलकर।
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रासायनिक रस शोधकों में प्रमुख हैं-सोडियम हाइड्रोसल्फाइट (40-50 ग्राम), सोडियम बाई-कार्बोनेट (10-15 ग्राम), चूने का पानी आधा लीटर।
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मॉ ने बिन्दा के पैरों पर तिल का तेल और चूने का पानी लगाकर जब अपने विशेष सन्देशवाहक के साथ उसे घर भिजवा दिया, तब उसकी क्या दशा हुई, यह बताना कठिन है ;
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मॉ ने बिन्दा के पैरों पर तिल का तेल और चूने का पानी लगाकर जब अपने विशेष सन्देशवाहक के साथ उसे घर भिजवा दिया, तब उसकी क्या दशा हुई, यह बताना कठिन है ;
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चूना (गेंहू के दाने के सामान) या चूने का पानी (20 से 25 मिली ग्राम) हर रोज दाल में,दही में गन्ने के रस में,मौसमी के रस में, संतरे के रस में,अनार के रस में मिलाकर खाया जा सकता है।
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-आग से जले हुए घाव में भी लगभग तीन ग्राम मदार के पत्तों क़ी राख को तिल के तेल के साथ मिलाकर खरल में पीसकर इसमें 2. 5 ग्राम चूने का पानी मिलाकर जले हुए स्थान पर लेपित करें इससे अग्निदग्ध व्रण में लाभ मिलता है I
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निशा: आप इसे चूने के पानी में भी भिगो सकते हैं, जो पान वाले के पास मिल जाता है, पानी में 2 छोटी चम्मच चूने का पानी डाल कर पेठे के टुकड़े डाल दीजिये, बाद में उन्हैं वाश कर लीजिये, इससे इसकी सब्जी वाली महक खतम हो जाती है.
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चूना या चूने का पानी (लाइम वाटर) या कल्शियम की गोलियों की अपेक्षा प्राकृतिक कल्शियम (फल साग सब्जियों दूध आदि से मिलने वाला) ज्यादा सुरक्षित है कियोंकि चूना या लाइम वाटर यानि चूने के पानी या कल्शियम की गोलियों से गुर्दे की पथरी होने का डर 80-85 % अधिक पाई गयी है।
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दो दिन रखने के बाद इस बीच दो तिन बार इसे साफ लकड़ी की चम्मच से हिलाते रहे सुबह इस पानी को निथार कर शीशे के बर्तन में डाल ले निथारते वक्त ध्यान रहे की पहले इस के ऊपर बनी परत को सावधानी से बिना हिले निकल दे व नीचे जमा चूना भी न घुले और इसे साफ़ कपडे से छान ले चूने का पानी तैयार है।
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इस सुबह के तो खैर ठाठ कुछ निराले ही थे. मैं अपने घर की छत पर एक कोने में ‘पानी वाली डायन' किताब हाथ में लिए था.घर की छतें भी छोटा मोटा अजायबघर होती हैं.कहीं मटकी में डलियों वाला नमक है तो किसी में पिछली दीवाली पर की गयी सफेदी का बचा हुआ चूने का पानी है.पतंग और चरखी भी इसी छत पर हैं.पर सबसे बड़ी चीज़ है, छत पर रखा रहता है वो दुर्लभ एकांत जिसमें सुरक्षित है वह इंतज़ार जो सामने की किसी छत पर आने वाली प्रेयसी के लिए किया जाता है.