| 21. | संघटक-सर्पगंधा, जटामांसी, अर्जुन, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, अश्वगंधा, मुक्तपिश्टी।
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| 22. | बहुत उपयोगी क्या जटामांसी कुचला सतावर यह सब पीसे हुए कहाँ से मिलेंगे? शुक्रिया
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| 23. | मासिक धर्म के समय होने वाले कष्ट को जटामांसी का काढा ख़त्म करता है.
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| 24. | जटामांसी कश्मीर, भूटान, सिक्किम और कुमाऊं जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में अपने आप उगती है।
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| 25. | यह समझ में बात नहीं आयी कि पेट के रोग में जटामांसी का प्रयोग क्यों?
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| 26. | जटामांसी का पौधा होता है, जिसका तना 10 से 60 सेमी तक लम्बा होता है।
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| 27. | जटामांसी डेढ़ ग्राम, दालचीनी 150 मिलीग्राम, कपूर 30 मिलीग्राम सुबह-शाम गर्म दूध से लें।
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| 28. | -मैं बहुत दिनों से जटामांसी के बारे में लिखना चाह रही थी लेकिन कुछ तो
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| 29. | जटामांसी दिमाग की टूट-फ़ुट को दुरुस्त करती है तथा शंखपुष्पी की खासियत सोच क्षमता बढ़ने की है।
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| 30. | इसे जटामांसी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसकी जड़ में बाल जैसे तन्तु लगे होते हैं।
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