| 21. | इस भगांकुर की रचना कुछ कुछ पुरुष जननेन्द्रिय जैसी है।
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| 22. | (1) जननेन्द्रिय क्षेत्र को साफ और शुष्क रखना जरूरी है।
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| 23. | (1) जननेन्द्रिय क्षेत्र को साफ और शुष्क रखना जरूरी है।
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| 24. | पांच कर्मेन्द्रियाँ हैं, अर्थात् हाथ, पैर, मुंह, जननेन्द्रिय और गुदा ।
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| 25. | ' अ ' उच्चारण से जननेन्द्रिय पर अच्छा असर पड़ता है।
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| 26. | जननेन्द्रिय निरोध को ही ब्रह्मचर्य का पालन माना गया है ।
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| 27. | -स्त्री पुरूष की जननेन्द्रिय संबंधी रोग दूर हो जाते हैं।
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| 28. | किन्त जननेन्द्रिय में घाव हो सर्व साधारण बात होती है ।
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| 29. | ' अ ' उच्चारण से जननेन्द्रिय पर अच्छा असर पड़ता है।
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| 30. | बाँये पैर की एड़ी का दबाव गुदा एवं जननेन्द्रिय के बीच रहे।
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