आजादी के बाद देश के कई राज्यों में जमीन के पुनर्वितरण का काम पूरा नहीं किया गया, जिससे जमींदार वर्ग वहां आज भी प्रभावशाली बना हुआ है।
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प्रो. रामबक्ष ने आगे कहा कि प्रेमचंद इस ऐतिहासिक समझ वाले अपने समय के एकमात्र रचनाकार हैं जिन्होंने यह कहा कि जमींदार वर्ग की हस्ती मिट जाने वाली है।
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बहरहाल, जहां पुराने जमींदार अपदस्थ हुए थे और नया जमींदार वर्ग उभरा था, वहां यह जानना जरूरी हो जाता है कि इस नये जमींदार वर्ग में कौन शामिल था?
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बहरहाल, जहां पुराने जमींदार अपदस्थ हुए थे और नया जमींदार वर्ग उभरा था, वहां यह जानना जरूरी हो जाता है कि इस नये जमींदार वर्ग में कौन शामिल था?
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युद्धरत-राज्य काल में सामन्ती व्यवस्था की स्थापना वसन्त और शरद काल के अन्त में विभिन्न जागीरदार राज्यों की सत्ता उदीयमान जमींदार वर्ग ने छीन ली और सामन्ती व्यवस्था की स्थापना की।
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बेचारा जमींदार झेल रहा सर्दी और सरकार की मार-*आजकल लावनी (फसल कटाई) का समय चल रहा हैं पर इस बार बेचारा किसान जमींदार वर्ग मन मार कर (बेमन) से सरसों की फसल की कटाई का कार्य कर रहा हैं कारण है पिछले दिन...
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इस निबंध में अनेक नई बातें स्पष्ट होती हैं, जैसे, राजा राममोहन इतने अंग्रेज भक्त क्यों थे-वे अंग्रेजों द्वारा खड़े किए गए नए वर्ग, यथा जमींदार वर्ग, का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, जिनका हित अंग्रेजों के साथ जुड़ा हुआ था ;
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बिहार के नवजागरण का एक अत्यंत रोचक तथ्य है कि सन् १९१२ से पहले प्रतिक्रियावादी जमींदार वर्ग कांग्रेस अर्थात् राष्ट्रीय आंदोलन के साथ है और बंगाल से बिहार के पृथक्करण के विरोध में है जबकि प्रगतिशील मध्यवर्ग पृथक्करण के तो पक्ष में है लेकिन राष्ट्रीय आंदोलन के प्रति उदासीन है।
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बेचारा जमींदार झेल रहा सर्दी और सरकार की मार-* आजकल लावनी (फसल कटाई) का समय चल रहा हैं पर इस बार बेचारा किसान जमींदार वर्ग मन मार कर (बेमन) से सरसों की फसल की कटाई का कार्य कर रहा हैं कारण है पिछले दि न...
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बिहार के नवजागरण का एक अत्यंत रोचक तथ्य है कि सन् १ ९ १ २ से पहले प्रतिक्रियावादी जमींदार वर्ग कांग्रेस अर्थात् राष्ट्रीय आंदोलन के साथ है और बंगाल से बिहार के पृथक्करण के विरोध में है जबकि प्रगतिशील मध्यवर्ग पृथक्करण के तो पक्ष में है लेकिन राष्ट्रीय आंदोलन के प्रति उदासीन है।