विभाग द्वारा संचालित नि: शुल्क बोरिंग, गहरी बोरिंग, मध्यम गहरी बोरिंग, रिचार्जिंग चेकडैम, ब्लास्ट कूपों का जीर्णोद्धार, बुन्देलखण्ड पैकेज एवं जल वितरण प्रणाली आदि योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यपूर्ति की समीक्षा की गयी।
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पानी के स्टोर के लिए 70 टंकियां और सात नए ओवर हेड टैंक बनाए जा रहे हैं, हालांकि चार सौ पंद्रह करोड़ की लागत से पूरे शहर में बनाई जा रही जल वितरण प्रणाली का कार्य अभी शुरू नहीं किया गया है।
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जिन बस्तियों में जल वितरण प्रणाली (पाइप लाइन के जरिये) के तहत पेयजल पहुंचाना संभव न हो वहां के लिये यदि संभव हो तो नये टयूबवेल खनन अथवा परिवहन के जरिये पेयजल सप्लाई नियमित करने के निर्देश भी जल संसाधन मंत्री ने दिये ।
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कई विदेशी एजेंसियों जैसे वर्ल् ड बैंक, पीडब्ल्यूसी, जापान इंटरनेशनल कोआपरेशन एजेंसी आदि के अध्ययन से यह साबित करवाने की कोशिश की गई कि दिल्ली की जल वितरण प्रणाली में रिसाव की भारी समस्या है और इसके अधिकांश पानी के बदले कोई आय नहीं होती है।
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इन नियमों के तहत सभी देशों पर न सिर्फ़ सार्वजनिक जल-प्रणालियों से सरकारी नियंत्रण हटाने और निजीकरण करने का दबाव होगा अपितु किसी शहर की जल वितरण प्रणाली यदि किसी विदेशी कम्पनी के हाथों चली जाती है तो उसे वापस जनता के नियंत्रण में लेना विश्वव्यापार संगठन द्वारा भारी जुर्माना न्योतना होगा.
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जल संसाधन मंत्री ने परिणाममूलक प्रयासों पर जोर देते हुये कहा कि जल वितरण प्रणाली से जुड़े सहायक यंत्री व्यक्तिगत रूप से यह देखें कि नगर की सभी टंकिया (ओवर हेड वाटर टेंक) प्रतिदिन पूरी मात्रा में भरी जायें, जिससे पूर्ण दवाब के साथ पेयजल सप्लाई हो और मोहल्ले के हर घर तक पानी पहुंच सके ।
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मध्यम गहरे नलकूप निर्माण की योजना के अन्तर्गत निर्मित नलकूपों के ऊर्जीकरण की समस्या के निदान हेतु नलकूप निर्माण एवं जल वितरण प्रणाली हेतु अनुमन्य अनुदान के अतिरिक्त, प्रत्येक नलकूप पर ऊर्जीकरण के लिए उ 0 प्र 0 पावर कारपोरेशन की प्रचलित दर 68 हजार रुपये अथवा वास्तविक लागत, जो भी कम हो, का पृथक से अनुदान अनुमन्य किया गया है।
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ग्वालियर में भी जल प्रदाय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए 2 जल शोधन संयंत्रों एवं 2 पम्प हाऊस का निर्माण, 42 कि. मी. पम्पिंग मैन बिछाना, 25 बल्क मीटर एवं 1088 बल्क उपभोक्ता मीटर, 11 ओवर हेड टेंक, 4 सतही टेंक तथा 306 कि. मी. लम्बी जल वितरण प्रणाली बिछाने का काम किया जा रहा है।
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विश्वव्यापार संगठन के सेवाओं के व्यापार से सम्बन्धित नियम भी जल आपूर्ति के निजीकरण को बढावा देंगे. इन नियमों के तहत सभी देशों पर न सिर्फ़ सार्वजनिक जल-प्रणालियों से सरकारी नियंत्रण हटाने और निजीकरण करने का दबाव होगा अपितु किसी शहर की जल वितरण प्रणाली यदि किसी विदेशी कम्पनी के हाथों चली जाती है तो उसे वापस जनता के नियंत्रण में लेना विश्वव्यापार संगठन द्वारा भारी जुर्माना न्योतना होगा.
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विश्वव्यापार संगठन के सेवाओं के व्यापार से सम्बन्धित नियम भी जल आपूर्ति के निजीकरण को बढावा देंगे. इन नियमों के तहत सभी देशों पर न सिर्फ़ सार्वजनिक जल-प्रणालियों से सरकारी नियंत्रण हटाने और निजीकरण करने का दबाव होगा अपितु किसी शहर की जल वितरण प्रणाली यदि किसी विदेशी कम्पनी के हाथों चली जाती है तो उसे वापस जनता के नियंत्रण में लेना विश्वव्यापार संगठन द्वारा भारी जुर्माना न्योतना होगा.