भूजल स्तर से जुड़े कई पहलुओं जैसे भूजल में कमी, समुद्री पानी का प्रवेश, भूजल का प्रदूषित होना, भूमिगत और भूजल का संयुक्त उपयोग, जल संतुलन आदि पर भी बोर्ड विशेष अध्ययन करता रहता है।
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इस अध्ययन का उद्देश्य यमुना कृष्णा उपबेसिन में प्रवाह प्रणाली की प्राकृतिक स्थिति के अंतर्गत जलभृत के जल संतुलन के विकास एवं सुधार तथा संदूषक संवेदनशील जलभृत क्षेत्र की पहचान करने और इसके उपशमन हेतु व्यवहार्यता अध्ययन करना है ।
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राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के प्रायद्वीपीय नदी विकास घटक को ठोस आकार देने के लिए प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली के जल संसाधनों के ईष्टतम उपयोग के लिए वैज्ञानिक और यथार्थवादी आधार पर जल संतुलन तथा अन्य अध्ययन करने और संभाव्यता रिपोर्टें तैयार करने के लिए सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम, १८६० के अधीन राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण की स्थापना एक स्वायत्त शासी सोसाइटी के रूप में जुलाई, १९८२ में की गई थी।