यह कार्पोरेट संगठन प्रदेश में संचालित 21 एकीकृत जल-ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन परियोजना के क्रियान्वयन में महती भूमिका निभा रहे हैं।
22.
जल-ग्रहण क्षेत्र विकास या वाटर-शेड की उनकी इस तकनीक को सरकारी योजना का भी अंग बनाया जा चुका है.
23.
परियोजना क्षेत्रों में जल-ग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के माध्यम से 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई सुविधा सृजित हुई है।
24.
समग्रता का अर्थ यह है कि हमारे प्रयास हिमालय व शिवालिक में स्थित यमुना के जल-ग्रहण क्षेत्र से ही आरंभ हो जाने चाहिए।
25.
भारतीय नदी जल-ग्रहण क्षेत्र को मोटे तौर पर तीन वर्गों में बांटा जा सकता है-बड़े, मध्यम और लघु जल ग्रहण क्षेत्र।
26.
उनका यह प्रयोग एक मॉडल बना और वाटर-शेड अथवा जल-ग्रहण क्षेत्र विकास मिशन के नाम से केन्द्र सरकार ने भी इसे अपनाया.
27.
समग्रता का अर्थ यह है कि हमारे प्रयास हिमालय व शिवालिक में स्थित यमुना के जल-ग्रहण क्षेत्र से ही आरंभ हो जाने चाहिए।
28.
यमुना का पर्वतीय जल-ग्रहण क्षेत्र काफी सिमटा हुआ है अत: यह और भी जरूरी है कि इसका बहुत सावधानी से ध्यान रखा जाए।
29.
चावल के पौधे सबसे अच्छे तभी बढ़ते हैं, जब मिट्टी में पानी की मात्रा, उनकी जल-ग्रहण क्षमता की 60 से 80 प्रतिशत ही हो।
30.
वर्षा आधारित क्षेत्रों में जल-ग्रहण क्षेत्र विकास के लिये इस कार्यक्रम के जरिये 12 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के मान से परियोजना राशि उपलब्ध करवाई जा रही है।