हर पौधे के थाले में 15 ग्राम बाविस्टिन (वीरजिम) मार्च, जून व सितम्बर में डालकर पानी लगा दें तथा मार्च व सितम्बर में पौधों पर 0.3 प्रतिशत ज़िंक सल्फ़ेट का छिड़काव करें।
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उत्तर: जौ की खड़ी फ़सल में 0.5 प्रतिशत उत्तम ज़िंक सल्फ़ेट के घोल के तीन छिड़काव 12-15 दिन के अन्तराल पर करने से जस्ते की कमी को दूर किया जा सकता है।
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इसके लिए 3 छिड़काव (0.5 % उत्तम ज़िंक सल्फ़ेट + 0.25 % बुझा चूना) करने चाहिएँ-पहला छिड़काव बिजाई के एक महीने बाद करें, बाकी दो छिड़काव 10-10 दिन के अन्तर पर।
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इसके अतिरिक्त 10 कि ० ग्रा ० ज़िंक सल्फ़ेट (21 प्रतिशत) तथा 10-15 कि ० ग्रा ० सल्टोने का प्रयोग भी बुवाई के पूर्व आखिरी जुताई के समय करना बहुत लाभकारी रहेगा।
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इसके लिए 6 ग्राम 2, 4-डी (वीर किल), 3 कि ० ग्रा ० उत्तम ज़िंक सल्फ़ेट, 12 ग्राम आरियोफिन्जिन और 1.5 कि ० ग्रा ० चूना को 550 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
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उत्तर: आपकी फ़सल में ज़िंक तत्व की कमी है और खड़ी फ़सल में इसकी आपूर्ति के लिये 500 ग्राम उत्तम ज़िंक सल्फ़ेट व 250 ग्राम बुझा चूना का मिश्रण 100 लीटर पानी में घोलकर एक सप्ताह के अंतराल में दो बार छिड़काव करें।
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उत्तर: यदि आपने फ़सल में टॉपड्रेसिंग के रुप में यूरिया का प्रयोग न किया हो तो 2 % यूरिया का घोल बनाकर फ़सल में छिड़कें यदि ज़िंक की कमी के लक्षण दिखाई दें तो 0.5 % ज़िंक सल्फ़ेट का घोल मिलाकर छिड़काव करना काफ़ी लाभकारी होगा।
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उत्तर: ऐसे रसायन जो पौधों को एक या उससे अधिक आवश्यक पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं उर्वरक कहलाते हैं-जैसे यूरिया, किसान खाद (कैन), सुपरफ़ॉस्फ़ेट, डी ० ए ० पी ०, ज़िंक सल्फ़ेट, एम ओ पी, एम ए पी इत्यादि।
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उत्तर: अमरुद के उखटा रोग हेतु वीरजिम 50 % WP फफूदीनाशक दवा की 20-30 ग्राम मात्रा 10 से 15 लीटर पानी में घोलकर जड़ क्षेत्र को उपचारित करें, इस क्रिया को वर्ष में 4 बार किया जाय साथ ही पौधों पर 0.3 % उत्तम ज़िंक सल्फ़ेट का छिड़काव करें।
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उत्तर: अगर गोबर की खाद हर साल खेत में डाल दी जाए तो सूक्ष्म तत्त्वों की कमी के आसार बहुत कम हो जाते हैं फिर भी जस्ता व मैंगनीज की कभी का आभास होता है तो ज़िंक सल्फ़ेट या मैंगनीज सल्फ़ेट का 0.3 प्रतिशत घोल बनाकर नवम्बर के अंतिम सप्ताह में छिड़काव कर दें।