भगवत् भक्त महाराणा ने त्वरित ही देलवाडा के राजा कल्याणसिंह झाला, कूंठवा के ठाकुर विजयसिंह जी चूंडावत सांगावत आगर्या के ठाकुर जगतसिंह जेत मालोत, मोई के जागीदार अजीतसिंह भाटी, शाह एकलिंगदास बोल्या तथा जमादार नाथूसिंह को सेना सहित नाथद्वारा की ओर रवाना किया।