सबसे पहला काम पत्र लिखना, वर्ड प्रोसेस से लेकर अंत तक सारी रचनाओं को इकट्ठा करना, काट-छांट करना, पढ़ना, कभी कोई तथ्य ग़लत लगे तो उसे लाइब्रेरी जा कर देखना आदि ज़रूरी और समय की मांग करता है।
22.
हमको एक नया अर्थशास्त्र चहिये I इसके लिए हमको पीछे जा कर देखना होगा कि, ‘ राह भूले थे कहाँ से हम ‘ I हम सदेव से गरीब और पिछडे देश नहीं थे I कभी हमारा भी स्वर्णिम काल था I जी हाँ.
23.
बातो बातो मे पता चला कि वो जंतर मंतर जा रही है, मैने पूछा की वहाँ क्यों जा रहे हो? तो बोली मैने सत्याग्रह के बारे मे सुना था, वहाँ जा कर देखना चाहती हूँ कि सत्याग्रह होता कैसा है!! मै मुस्कुरा दिया.....
24.
ये तरीका थोडा मुश्किल है क्योकि इस तरीके में ये पता नहीं चलता है की किस ने अभी नई पोस्ट लिखी है या किसी ने हमारे पसंद के विषय पर पोस्ट लिखी है | सभी के के पोस्टो पर जा कर देखना इसमे तो बहुत समय लग जायेगा | वैसे जितने लोगों को हमने फालो कर रखा है उन्हें ही पढ़ ले काफी है |
25.
प्रिय भ्राता राज+कमल जी बहुत ही सार्थक और बेबाक लेख आप का हम तो भौंचक्के हैं परमवीर की सिफारिश करने की जगह इनके हर नाम के आगे एक एक जूता चप्पल उसकी माला लगानी चाहिए थी इन्हें खुद अपना चेहरा किसी गन्दी नाली में जा कर देखना चाहिए जो की इनके चेहरे से कहीं ज्यादा साफ़ सुथरा दिखेगा मथुरा के कंस वाले मेरे लेख में आप ने ठीक ही इन माडर्न नारियों को मादा कंस लिखा था ये हैं हमारी सुरक्षा की ट्रेनिंग लेने वाली और कंधे से कंधे मिला पुरुषों को गाली देने वाली नारियां