मुंह में जो लार निरंतर बनती रहती है, उसमें जीवाणुनाशी शक्ति होती है लेकिन जब किसी कारण से मुंह में कम लार बनती है या लार सूख जाती है, तब ये जीवाणु बेकाबू हो जाते हैं, सांस दुर्गंधयुक्त हो जाती है।जब हम सोते... »
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कुछ माउथवाशों के बारे में यह दावा किया जाता है कि उनमें जीवाणुओं को मारने की क्षमता होती है, पर उनसे उल्टा प्रभाव ही पड़ता है क्योंकि उनमें जो जीवाणुनाशी पदार्थ होता है, वह अलकहोल होता है, जो मुंह को और अधिक सुखा देता है।