हजारों साल पहले उन् होंने एक ऐसे अलौकिक संसार की कल् पना की थी जिसमें उतने ही जीवित लोग थे जितने इस पृथ् वी पर।
22.
सवाल उठता है कि अगर मारे गए लोग और जीवित लोग, सभी घर के अंदर थे, तो कोई बाहर से ताला कैसा लगा सकता है?
23.
सवाल उठता है कि अगर मारे गए लोग और जीवित लोग, सभी घर के अंदर थे, तो कोई बाहर से ताला कैसा लगा सकता है?
24.
परंतु हमारे भारतीय परिप्रेक्ष्य में यह बड़ी चुनौती है कि अधिकांश एचआईवी के साथ जीवित लोग बहुत कम सीडी 4 काउंट के साथ एआरटी केन्द्रों पर पहुँचते हैं।
25.
महान् कथाओं और गाथाओं के कितने ही पात्र हैं, जो काल्पनिक हैं, परंतु वे इतने जीवंत लगते हैं कि उनके सामने सचमुच जीवित लोग भी कम जीवित लगते हैं।
26.
जिस बहुमूल्य आजादी का आज हम सब जीवित लोग दुरुपयोग करके देश को रसातल में पहुँचा रहे हैं, वह ऐसी महान आत्माओं के बलिदान से हमें मिली है।
27.
हालांकि विशिष्ट रूप से इनका वर्णन मरे हुए किन्तु अलौकिक रूप से अनुप्राणित जीवों के रूप में किया गया, कुछ अप्रचलित परम्पराएं विश्वास करती थीं कि पिशाच (रक्त चूषक) जीवित लोग थे.
28.
हालांकि विशिष्ट रूप से इनका वर्णन मरे हुए किन्तु अलौकिक रूप से अनुप्राणित जीवों के रूप में किया गया, कुछ अप्रचलित परम्पराएं विश्वास करती थीं कि पिशाच (रक्त चूषक) जीवित लोग थे.[1][2][3]
29.
कोटिशः बार मृत बदन के विषैले धुएँ से मर न जाएँ हजारों जीवित लोग, चीखते-चिल्लाते-भागते एक-दूसरे और अपने आप से, और मढ़ें इल्ज़ाम धुएँ पर-उफ़! घुटन होती है, फ़िर वही कसमसाहट!
30.
आज होने वाली यह खगोलीय घटना इस मायने में अनोखी है कि आज की तारीख में जीवित लोग शायद ही दोबारा सूर्य पर शुक्र का ग्रहण देखने के लिए बचे रह पाएंगे।