नतीजतन जो पर्यावरण का नुक्सान-धुआँ-प्राकृतिक जैव खाद जो बन सकती थी, उसका नुक्सान-जैव माइक्रोबियल उत्पादों का राख में तब्दील हो जाना-ये सब तो होता ही है ;
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मूंग-न्यू दूध ग्रुप के अधीन एक गाय पालन फार्म पर आधारित यह बिजली घर, बिजली बनाने के अलावा हर वर्ष दो लाख टन जैव खाद का उत्पादन करता है, और बिजली बनाने के साथ-साथ इस से पशुओं के विसर्जित तत्वों का निपटारा भी किया जाता है ।