सरकार का काम कानून बनाए रखना, कंपनियों के लिए उत्पादों के मानक निर्धारित करना तथा सामान्य जन को प्रदान की जाने वाली सार्वजनिक सेवाओं के लिए निरीक्षण तंत्र की व्यवस्था करना हो गया तथा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप और ठेका पद्धति द्वारा गुणवत्ता पूर्ण कार्य की मांग पूरी होने लगी.