आपने ‘ शाल वनों के द्वीप ' में एक जगह लिखा है-“ सुना है यह डाही खेती (अबूझमाड़ के पहाड़ी माड़ियों की खेती की एक प्रणाली जिसमें जंगल जला कर कुटकी और दाल बोये जाते हैं) सरकार कानूनन बंद करने जा रही है, पटेल (अबूझमाड़ का एक आदिवासी) को सुनाते हुए मैंने (शानी) एड (एक विदेशी शोधकर्ता) से कहा। '