इनके बच्चे अंडे या कृमि कोष से डिंभक (लारवल) (सेता हुआ नया कृमि) के रूप में बढ़ते हुए त्वचा, मांसपेशियां, फेफड़ा या आंत(आंत या पाचन मार्ग) के उस ऊतक (टिशू) में कृमि के रूप बढ़ते जाते हैं जिसे वे संक्रमित करते हैं।
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इस विश्लेषण में, तितलियों का संकटग्रस्त सूची वर्गीकरण, वितरण, घनत्व, डिंभक विशिष्टता, प्रसारण क्षमता, वयस्क प्राकृतिक-वास का विस्तार, उड़ान अवधि और शरीर का आकार, सभी के संबंध में अभिलेख दर्ज और परीक्षण किए गए, ताकि प्रत्येक प्रजाति की संकट स्थिति का निर्धारण किया जा सके.
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इस विश्लेषण में, तितलियों का संकटग्रस्त सूची वर्गीकरण, वितरण, घनत्व, डिंभक विशिष्टता, प्रसारण क्षमता, वयस्क प्राकृतिक-वास का विस्तार, उड़ान अवधि और शरीर का आकार, सभी के संबंध में अभिलेख दर्ज और परीक्षण किए गए, ताकि प्रत्येक प्रजाति की संकट स्थिति का निर्धारण किया जा सके.
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इस विश्लेषण में, तितलियों का संकटग्रस्त सूची वर्गीकरण, वितरण, घनत्व, डिंभक विशिष्टता, प्रसारण क्षमता, वयस्क प्राकृतिक-वास का विस्तार, उड़ान अवधि और शरीर का आकार, सभी के संबंध में अभिलेख दर्ज और परीक्षण किए गए, ताकि प्रत्येक प्रजाति की संकट स्थिति का निर्धारण किया जा सके.
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में कॉवलेफस्कि (Kowalevsky) ने एक सामान्य ऐसिडियन की वृद्धि के विषय में अनुसंधान लेख प्रकाशित कर, यह प्रकट किया कि इसके बैगची डिंभक (tadpole larva) में कॉडेंटा के प्रमुख गुण वर्तमान होते हैं, तथा बैंगची के वयस्क में कायांतरण (metamorphosis) होने के समय, ये गुण क्रमश: लुप्त हो जाते हैं।