इस बारे में वरुड डिपो के अधिकारियों से संपर्क करने पर उनका कहना है कि, इन बसों के खराब हुए स्पेअर पार्टस् उपलब्ध नहीं होने से यह बसेस डिपो में खडी है लेकिन इस बारे में कुछ एसटी के ही कर्मचारियों का कहना है कि, वरुड के डिपो मैनेजर टाटर जान बूझकर व्यवस्थापन पर नियंत्रण नहीं रख रहे है.