झारा, पारम्परिक रूप से आनुष्ठानिक कृतियां और आभूषण बनाया करते थे, जिनमें कान का गहना मुंदरा और फंसिया, बच्चों के लिए पैर की पैरी, पैसा रखने का मुर्गी अंडा आकार का जालीदार कराट, आभूषण रखने के लिए ढक्कनदार कलात्मक नारियल, पोरा बैल, दिया-जागर, नपना मान और अगहन पूजा के लिए लक्ष्मी होती।
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संग्रह विधि:-औषधि रूप में आमतौर पर अर्जुन वृक्ष की छाल ही उपयोग की जाती है | अतः इसकी छाल को अच्छी तरह से सुखा कर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर या फिर चूर्ण के रूप में ढक्कनदार पात्रों में भर कर ठंढे स्थानों पर रखा जाता है | इस प्रकार संग्रहित की गई अर्जुन वृक्ष की छाल 2 वर्ष तक प्रभावशाली बनी रहती है |
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संग्रह विधि:-औषधि रूप में आमतौर पर अर्जुन वृक्ष की छाल ही उपयोग की जाती है | अतः इसकी छाल को अच्छी तरह से सुखा कर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट कर या फिर चूर्ण के रूप में ढक्कनदार पात्रों में भर कर ठंढे स्थानों पर रखा जाता है | इस प्रकार संग्रहित की गई अर्जुन वृक्ष की छाल 2 वर्ष तक प्रभावशाली बनी रहती है |
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शहरों की मौजूदा सड़कों और नालियों की सही तरीके से सफाई, और मरम्मत कर दी जाये, सारे शहर में यहाँ वहाँ फैले कूड़े कचरे और गन्दगी के निस्तारण की उचित व्यवस्था कर दी जाये और शहरों में उचित स्थानों पर कूड़ा एकत्रित करने के लिए ढक्कनदार गार्बेज बिन्स को ज़मीन में ठोक कर मजबूती से लगा दिया जाये तो इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है!