उनका कहना था कि अपने यहां एक चौथाई बच्चों को बिना फीस के शिक्षा देना, यहां तक कि उनके लिए ड्रेस कोड आदि के अपने प्रावधानों में भी ढील देना किसी बाहरी हस्तक्षेप के बिना अपना कारोबार करने के उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
22.
एजेंसी ने जिन सुधारों की बात की है उनमें पेट्रोलियम पदार्थों और उर्वरक पर सब्सिडी कम करने, वस्तु और सेवा कर: जीएसटी: पर अमल करना और बैंकिंग, बीमा और खुदरा क्षेत्र में विदेशी मालिकाना हक दिये जाने पर प्रतिबंधों में ढील देना शामिल है।
23.
मधुमेह से प्रभावित लोगों को अपना विशेष ध्यान रखना होगा, पुराने समय से चले आ रहे रोग स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकते हैं तथा पेट में तकलीफ उत्पन्न हो सकती है आपको चाहिए कि आप अपना रुटीन चेकअप अवश्य करवाएं स्वास्थ्य के प्रति ढील देना उचित नहीं होगा.
24.
इनके इर्द-गिर्द संगीनों के साए को कुछ समय के लिए हटा लें, लेकिन ऐसा भी न हो की सुरक्षा तंत्र में इतनी कोताही बरतें की इन्हें हथियार आसानी से उपलब्द हो l उचित दूरी बनाये रख कर सुरक्षा चक्र में ढील देना मतलब अपनी ही कब्रें खोदने जैसा होगा l 6.
25.
ईश्वर, तुम्हें सुधरने के अवसर और ढील तो बहुत देता है परन्तु ज़मीन पर चल फिर कर (खण्डहरों को तथा ख़ोदाई में निकले नगरों के पुरातत्व अवशेषों को) देखो, यह ढील हमेशा के लिए नहीं दी जाती क्योंकि हमेशा की ढील देना ईश्वरीय गुण व तत्वदर्शिता के प्रतिकूल है।
26.
क्यों इंजीनियरिंग कॉलेजों में खाली सीटों को भरने के नाम पर सरकार का नियमों में ढील देना, आरपीईटी पास किए बिना ही 40 प्रतिशत अंकों से 12वीं पास करने वाले विद्यार्थियों को भी इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीधा प्रवेश दे देना, 10 में से 2 पेपर पास करते ही सेकेंड सेमेस्टर में प्रमोट कर देना
27.
ये सरकार तो घोटाले करने मे मस्त है व गहरी नींद मे सो रही है इससे तो कोई उमीद है नही अब कब अगली सरकार बने तभी कुछ बात बनेगी देश की रक्षा तो सर्वोपरि है इसमे ढील देना घातक सिध हो सकता है वियासी भी हमारे चारो ओर शत्रु है मित्र कोई नही है
28.
कविता यह बताने से चूक जाती है कि नट आख िर क्यों गांठ को खोलकर रस्सी क े तनाव में ढील देना चाहता है (वैसे भी यह तथ्य का निषेध है क् योंकि कोई नट ऐसा नहीं चाहता) और दर्शक क्यों रस्सी, गांठ, तनाव, रोशनी और खंभे की अनदेखी करते हैं।
29.
कविता यह बताने से चूक जाती है कि नट आख िर क्यों गांठ को खोलकर रस्सी क े तनाव में ढील देना चाहता है (वैसे भी यह तथ्य का निषेध है क् योंकि कोई नट ऐसा नहीं चाहता) और दर्शक क्यों रस्सी, गांठ, तनाव, रोशनी और खंभे की अनदेखी करते हैं।
30.
उसे अपने इश्वर को मनाना पड़ता अन्दर की गठान को ढील देना होता चीजों को थोडा विस्तार भी, शायद ये या वो, और कोई क्रूरता आत्मा को आहात भी नही करती रात अध् बीचकोई ना जाने कितने सिल सीने पर रखे बादलों की तरह गहरा गई आवाज में कह बैठे भुला दो सब कु छ..