(2) तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के किसी संशोधन से किसी स्तर पर ऐसी पंचायत का, जो ऐसे संशोधन के ठीक पूर्व कार्य कर रही है, तब तक विघटन नहीं होगा जब तक खंड (1) में विनिर्दिष्ट उसकी अवधि समाप्त नहीं हो जाती।
22.
(2) इस भाग की कोई बात निम्नलिखित को लागू नहीं होगी, अर्थात्:-(क) नागालैंड, मेघालय और मिजोरम राज्य ; (ख) मणिपुर राज्य में ऐसे पर्वतीय क्षेत्र जिनके लिए तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन जिला परिषदें विद्यमान हैं।
23.
243च. सदस्यता के लिए निरर्हताएँ-(1) कोई व्यक्ति किसी पंचायत का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए निरर्हित होगा,-(क) यदि वह संबंधित राज्य के विधान-मंडल के निर्वाचनों के प्रयोजनों के लिए तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस प्रकार निरर्हित कर दिया जाता है:
24.
(घ) ऐसे अनुपूरक, आनुषंगिक और पारिणामिक उपबंध (जिनके अंतर्गत फीस के बारे में और परिसीमा, साक्ष्य के बारे में या तत्समय प्रवृत्त किसी विधि को किन्हीं अपवादों या उपांतरणों के अधीन रहते हुए लागू करने के लिए उपबंध हैं, अंतर्विष्ट कर सकेगा जो राष्ट्रपति आवश्यक समझे।
25.
-तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा यह उसके अधी स्थापित किसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह या अभिरक्षा के अन्य स्थान के या स्त्रियों या बालकों की किसी संस्था के प्रबंध या कर्मचारीवृंद में होते हुए अपनी शासकीय स्थिति का फायदा उठाकर ऐसी जेल, प्रतिपे्रषण गृह स्थान या संस्था के किसी निवासी से बलात्संग करेगा, या
26.
Ii. उप-पंजीयक को जानकारी प्रदान करना है, आपके सोसायटी से मिलने के बाद, अपनी शक्ति यू / एस 77 और एमसीएस अधिनियम 78 (जिसमें आरटीआई सेक्शन 2 (एफ) “ तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य कानून ” के रूप में संदर्भित करने के लिए है) का उपयोग कर सकते है।
27.
243 च. सदस्यता के लिए निरर्हताएँ-(1) कोई व्यक्ति किसी पंचायत का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए निरर्हित होगा,-(क) यदि वह संबंधित राज्य के विधान-मंडल के निर्वाचनों के प्रयोजनों के लिए तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस प्रकार निरर्हित कर दिया जाता है:
28.
उपधारा (1) के अधीन गिरफ्तार किए गए किसी व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के समय से चौबीस घण्टे की अवधि से अधिक के लिए अभिरक्षा में उस दशा के सिवाय निरुद्ध नहीं रखा जाएगा जिसमें उसका और आगे निरुद्ध रखा जाना इस संहिता के या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के किन्हीं अन्य उपबन्धों के अधीन अपेक्षित या प्राधिकृत है।
29.
आय-कर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) में या आय-कर, या आय, लाभ या अभिलाभ पर किसी अन्य कर से संबंधित तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य अधिनियमिति में किसी बात के होते हुए भी, निगम निम्नलिखित के बारे में कोई आय-कर या अन्य कर का संदाय करने के दायित्वाधीन नहीं होगा, अर्थात्:-
30.
(ग)-तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किस्सी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन किसी जेल या अन्य संस्था का, जहाँ पर उपचार, सुधार या संरक्षण के प्रयोजनार्थ व्यक्तियों को निरुद्ध किया जाता है या रखा जाता है निवास करने वालों की जीवन की दशाओं का अध्ययन करने के लिए निरीक्षण करेगा एवं सरकार से उस पर सिफारिशें करेगा ।