| 21. | इसी भिन्न प्रवृत्ति के अनुसार अवधी में बोले जानेवाले ' सियार ', ' कियारी ', ' बियारी ', ' बियाज ', ' बियाह ', ' पियार ', ' नियाव ' आदि शब्द तथा ' दुआर ', ' कुआर ', ' खुआर ', ' गुवाल ' आदि शब्द खड़ी बोली और ब्रजभाषा में क्रमश: स्यार, क्यारी, ब्यारौ, ब्याज, ब्याह, प्यारा, प्यारो, न्याव तथा द्वार, क्वार, ख्वार, ग्वाल बोले जाएँगे।
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