सभी ज्ञात पदार्थों में, अमोनिया के बाद पानी में दूसरे स्थान पर उच्चतम विशिष्ट ताप क्षमता होती है, साथ ही उच्च वाष्पीकरण ताप (40.65
22.
28 गीगावाट की एक अतिरिक्त भू-तापीय ताप क्षमता को जिला तापक, स्थान तापक, स्पा, औद्योगिक प्रक्रियाओं, नमक हटाने, और कृषि अनुप्रयोगों के लिए स्थापित किया गया है.
23.
28 गीगावाट की एक अतिरिक्त भू-तापीय ताप क्षमता को जिला तापक, स्थान तापक, स्पा, औद्योगिक प्रक्रियाओं, नमक हटाने, और कृषि अनुप्रयोगों के लिए स्थापित किया गया है.
24.
ऐसी स्थिति में, सारे पिंड को एक पिंडित कैपेसिटेंस ताप संग्राहक मान लिया जाता है, जिसकी कुल ताप मात्रा सरल कुल ताप क्षमता C और पिंड के तापमान T से आनुपातिक होती है, या Q = C T.
25.
सभी ज्ञात पदार्थों में, अमोनिया के बाद पानी में दूसरे स्थान पर उच्चतम विशिष्ट ताप क्षमता होती है, साथ ही उच्च वाष्पीकरण ताप (40.65 kJ• mol) होता है, दोनों ही, जल के अणुओं के बीच व्यापक हाइड्रोजन बॉन्डिंग के परिणामस्वरूप होते हैं.
26.
वर्तमान में दो निर्माणाधीन इकाई प्रथम सिंगाजी ताप (मालवा) क्षमता-1600 मेगावाट एवं द्वितीय-सतपुड़ा ताप क्षमता-500 मेगावाट इन दोनों इकाइयों का प्राथमिक सर्वे फिजिबिलिटी रिपोर्ट एवं प्रषासकीय स्वीकृति वर्ष 2003 के पूर्व कांग्रेस षासनकाल में ही कर ली गई थी ।
27.
R = 1 / t = ΔT/dT(t)/dt'>. इस तरह ताप प्रणालियों में, t = C/hA.(किसी प्रणाली की कुल ताप क्षमता C को उसकी पिंड-विशिष्ट ताप क्षमता c गुणा उसके भार m, के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे समय कॉन्स्टैंट t भी mc/hA के रूप में व्यक्त किया जाता है.)
28.
R = 1 / t = ΔT/dT(t)/dt'>. इस तरह ताप प्रणालियों में, t = C/hA.(किसी प्रणाली की कुल ताप क्षमता C को उसकी पिंड-विशिष्ट ताप क्षमता c गुणा उसके भार m, के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है, जिससे समय कॉन्स्टैंट t भी mc/hA के रूप में व्यक्त किया जाता है.)
29.
ताप क्षमता वृद्धि की नई तकनीकों में दूसरी तकनीक को फ्ल्यूराईज्ड बेड कंबशन (एफीबीसी) एंड प्रेशराइज्ड एफीबीसी साइकल कहा जाता है जिसमें दहन के समय कोयला चूर्ण को एयरजेट की मदद से ऊपर की ओर फेंका जाता है जिसकी वजह से गैस एवं ठोस का एक तीव्र मिश्रण तैयार होता है जो रासायनिक क्रिया में तेजी लाता है, ताप संचालन में वृद्धि करता है और फलस्वरूप कोयले की ज्वलन क्षमता बढ़ाता है ।