| 21. | शाखा इया ॥ १७६ ॥ परी तामसी सात्त्विकी ।
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| 22. | 5-नीरस पदार्थों का स्वामी तामसी ग्रह मंगल है।
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| 23. | तामसी व्यक्ति जीने के नाम पर सिर्फ घिसटता है।
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| 24. | इसे तामसी प्रवृत्ति का माना गया है।
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| 25. | और तामसी-पाताल लोक में जाते हैं ।
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| 26. | भेदात्मक बुद्धि तामसी प्रवृत्ति का परिचायक है।
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| 27. | प्रायः राजसी और तामसी श्रद्धावाले लोग अधिक होते हैं।
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| 28. | आप बहुत तला हुआ या तामसी भोजन न करें।
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| 29. | कुंभकरण से ज्यादा तामसी और मेघनाथ से ज्यादा राक्षस।
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| 30. | सर्वार्थान्विपरीतांश्च बुद्धिः सा पार्थ तामसी ॥१८-३२॥
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