कई जातियों के वृक्षों से चुआ (tap) करके तारपीन का तेल और गंधराल (rosin) निकाला जाता है।
22.
इसे सरसों के तेल में पकाया जाता है और फिर तारपीन का तेल भी मिलाया जाता है.
23.
चीड़ से रेजिन निकाल कर उसका उपयोग तारपीन का तेल बनाने तथा ग्रीस की प्रसिद्ध शराब रेट्जिना (
24.
इन्हें स्थानीय और बाहर स्थित टरपिनटाइन फैक्टरियों में भेजा जाता, जहां इससे रेजिन व तारपीन का तेल बनाया जाता।
25.
एरंड तेल में और तारपीन का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से नाड़ी का दर्द कम होता है।
26.
उसे पोटाश (लालदवा) डिटाल या सेवलान के घोल से अच्छी तरह साफ करके थोड़ा तारपीन का तेल लगाना चाहिये।
27.
इस तेल को ठंडा कर बोतल में भर लें और इसमें पहले तैयार अमृतधारा तथा 100 ग्राम तारपीन का तेल मिला ले।
28.
तारपीन का तेल 5 बूंद 28 मिलीलीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करना चाहिए तथा सिना औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
29.
चीड़ से रेजिन निकाल कर उसका उपयोग तारपीन का तेल बनाने तथा ग्रीस की प्रसिद्ध शराब रेट्जिना (Retsina) को स्वादिष्ट बनाने के लिये होता है।
30.
ऐसे द्रव हैं तारपीन का तेल, पेट्रोलियम स्पिरिट, विलायक नैफ्था, अनेक सौरभिक हाइड्रोकार्बन, एथिल ऐल्कोहल और विशेष विशेष अवस्थाओं में व्युटेनोल, ब्युटिल ऐसीटेट, एमिल ऐसीटेट, ऐसीटोन इत्यादि।