| 21. | के लाओ त्से, ईसा, कुरान शरीफ की कई आयतों और तॉल्स्तॉय के जीवन दर्शन में भी अहिंसा
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| 22. | यह लेव तॉल्स्तॉय की प्रसिद्ध कहानी है जिसे ओशो ने अपने वचनों में अपने तरीके से कहा है:
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| 23. | यह लेव तॉल्स्तॉय की प्रसिद्ध कहानी है जिसे ओशो ने अपने वचनों में अपने तरीके से कहा है:
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| 24. | एमिल ज़ोला, शरतचन्द्र, गोर्की, कुप्रिन, बालज़क, डिकेन्स, विक्टर ह्यूगो, दास्तावस्की तथा तॉल्स्तॉय के उपन्यास पढ़े।
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| 25. | अंग्रेजी का भाष्य ही तॉल्स्तॉय, रोम्या रोलां, जवाहरलाल नेहरू और राजाजी वगैरह ने पढ़ा था और टिप्पणियां की थीं.
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| 26. | गांधी के अनुसार भारतीय दर्शन के अतिरिक्त तॉल्स्तॉय, रस्किन, थोरो और एमर्सन जैसे लेखकों का उन पर गहरा असर रहा है.
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| 27. | पश्चिम की शैतानी औद्योगिक सभ्यता की आलोचना के मामले में तॉल्स्तॉय के मूल तर्क गांधी वाले हैं-या बेहतर होगा कि इसका उलट समझा जाए।
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| 28. | इनमें प्लेटो, मैजिनी, रस्किन, थोरो, हेनरी मेन, दादाभाई नौरोजी, एडवर्ड कारपेन्टर, तॉल्स्तॉय और मैक्स नार्दू वगैरह शामिल हैं.
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| 29. | गांधी आधुनिक सभ्यता की बीमारी का कारण तॉल्स्तॉय की तरह नैतिकता का अभाव समझते थे और मार्क्स की तरह उन्होंने उसके पतन की भविष्यवाणी की थी।
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| 30. | गांधी आधुनिक सभ्यता की बीमारी का कारण तॉल्स्तॉय की तरह नैतिकता का अभाव समझते थे और मार्क्स की तरह उन्होंने उसके पतन की भविष्यवाणी की थी।
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