| 21. | श्रान्त पथिक हम डगमग पथ हम।तपे ताप त्रय महाप्रखर तम।
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| 22. | छीतस्वामी गिरिधरन श्री विट्ठल, निरख नयन त्रय ताप नसावें ॥
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| 23. | अखंडं अजं भानुकोटिप्रकाशं॥ त्रय: शूल निर्मूलनं शूलपाणिं।
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| 24. | के त्रय निर्णयात्मक सबूत कि किसी व्यक्ति के लक्षण की बजाय
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| 25. | त्रय: शूल निर्मूलनं शूलपाणिं, भजेडहं भवानीपतिं भावगम्यं॥ 5 ॥
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| 26. | उपेक्षा मानव जीवन के लिए स्वर्ग की एक त्रय है...
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| 27. | सारे बंधन कट जाते हैं त्रय ताप सकल मिट जाते हैं
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| 28. | काल और स्थान के साथ उनके संकलन त्रय के दो उदहारण
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| 29. | तव नाथ नाम प्रताप से, छुट जायें भय त्रय ताप से।
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| 30. | अपार गुणों, शक्तियों तथा काल के त्रय से परे हैं।
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