फ़्यूज़न को त्रिकास्थि तक लेजाना काफ़ी चुनौतीपूर्ण होता है और इसके लिए अक्सर आगे और पीछे से सर्जरी आवश्यक हो जाती है।
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अक्सर, निचले लम्बर क्षेत्र में कशेरुकाओं का गंभीर ह्रास हो चुका होता है, जिसमें त्रिकास्थि तक फ़्यूज़न करने की ज़रूरत पड़ती है।
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स्पर्श-निदान है जिसका उपयोग कपालीय त्रिकास्थि प्रणाली की विषंगतियों और रुकावटों के आकलन और उन्हें दूर करने के लिये किया जाता है.
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त्रिकास्थि में पाँच अस्थियाँ सम्मिलित (fused) होती हैं जबकि कोसेजी में चार (३ से पाँच तक) अस्थियाँ एकाकार (fused) रहतीं हैं।
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आप एक लाइसेंसशुदा ऍक्युपंक्चर चिकित्सक हैं और साथ ही औषध विज्ञानी, स्पर्श चिकित्सा विशेषज्ञ, कोर्यो हैंड चिकित्सक, कपालीय त्रिकास्थि विशेषज्ञ और रेकी मास्टर.
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यह दर्द नर्व त्रिकास्थि को घेरे रहती है, मूत्राशय तक इस नर्व में तेज दर्द होता है और बार-बार पेशाब आता है।
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श्रोणिफलक) स्नायुबंधन की जलन-त्रिकास्थि एक बोनी पच्चर कि आपकी रीढ़ के आधार पर बैठता है और जगह में अपने श्रोणि रहता है.
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कंधों के बीच दर्द होना और त्रिकास्थि में अकड़न होना, मेरुदण्ड में कमजोरी आ जाना आदि लक्षणों में यह औषधि लाभकारी होती है।
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इस कशेरूका के निचले हिस्से में एक तिकोणी हडडी पाई जाती है जिसे त्रिकास्थि कहते हैं तथा उस पर जुड़ी हुई 5 कशेरूकाएं रहती है।
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त्रिकास्थि हड्डी हर व्यक्ति मे एक रीढ़ का आधार है जहाँ मौजूद है आध्यात्मिक ऊर्जा का सूक्ष्म और निष्क्रिय जिसको कुंडलिनी के रूप मे जाना जाता है.