मानव के दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध-(1) मानव का दुर्व्यापार और बेगार तथा इसी प्रकार का अन्य बलात्श्रम प्रतिषिद्ध किया जाता है और इस उपबंध का कोई भी उल्लंघन अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा।
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मानव के दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध-(1) मानव का दुर्व्यापार और बेगार तथा इसी प्रकार का अन्य बलात्श्रम प्रतिषिद्ध किया जाता है और इस उपबंध का कोई भी उल्लंघन अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा।
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त्रासदी के दूसरे दिन ही मैंने स्वयं राज्य के बाल संरक्षण आयोग के साथ सम्पर्क करके निवेदन किया था कि वे प्रशासन पुलिस एवं सभी राहत एजेंसियों को बाल दुर्व्यापार के सम्भावित खतरे के बारे में सचेत करें।
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मानव दुर्व्यापार की रोकथाम हेतु मंत्रालय द्वारा प्रति तीन माह में समीक्षा बैठक आयोजित की जाती है तथा देश में चुने हुए जिलों में एंटी ह्यूमन यूनिट (AHTU) का गठन किया गया तथा उन्हें साधन प्रदान किए गए हैं।
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जिसका अर्थ यह हुआ कि गुमशुदा बच्चों के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के आधार पर यदि पुलिस छान-बीन व कार्यवाही करती है तो बच्चों को चुराने वाला प्रत्येक अपराधी बाल दुर्व्यापार का अपराधी मानकर दण्डित किया जा सकेगा.
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23. मानव के दुर्व्यापार और बलात् श्रम का प्रतिषेध-(1) मानव का दुर्व्यापार और बेगार तथा इसी प्रकार का अन्य बलात् श्रम प्रतिषिद्ध किया जाता है और इस उपबंध का कोई भी उल्लंघन अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा।
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23. मानव के दुर्व्यापार और बलात् श्रम का प्रतिषेध-(1) मानव का दुर्व्यापार और बेगार तथा इसी प्रकार का अन्य बलात् श्रम प्रतिषिद्ध किया जाता है और इस उपबंध का कोई भी उल्लंघन अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा।
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इसके लगभग एक महीने पहले यानी अप्रैल में आपराधिक न्याय कानून में किए गए संशोधन में न केवल मानव तथा बाल दुर्व्यापार को विस्तार से पारिभाषित किया गया बल्कि इस अपराध से संबंधित अलग-अलग प्रक्रियाओं में कठोर दण्ड के प्रावधान भी शामिल किए गए.
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आपराधिक दण्ड संहिता की धारा 370 में दुर्व्यापार के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या करते हुए किसी भी बच्चे या वयस्क को बहला-फुसलाकर ले जाया जाना या अपहरण करना या धोखा देना या एक जगह से दूसरी जगह स्थानान्तरित करना आदि को गैर कानूनी अपराध घोषित किया गया.
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साथ ही बच्चों की गुमशुदगी, बाल मजदूरी, दुर्व्यापार, अगवा किये जाने और बच्चों से सम्बंधित सभी प्रकार के शोषण से जुड़े कानूनों को सही ढँग से लागू कराने, गुमशुदा बच्चे की खोज-बीन करने और वापस लौटे बच्चों के मामलों में एक मानक प्रक्रिया संहिता (स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) राष्ट्रीय स्तर पर लागू की जायेगी।