सिंक्रोनिसिटी के अनुभव इन्ट्यूशन और देजा वू वाले अनुभवों से नितांत अलग किस्म के हैं और उन पर आधारित भविष्यवाणी की विधाएं भी अलग हैं!
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आज कई वर्षों बाद कुछ पंक्तियाँ कान पर पड़ीं-देजा वू की आकस्मिक अनुभूति हुई! लगा-अरे ये तो पहले कहीं सुना हुआ है।
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अचानक से मन बहुत बहुत उदास हो आया है...सोचती हूँ तो पाती हूँ कि अचानक नहीं है...एक जिंदगी किसी और जिंदगी की रिपीट तो नहीं हो सकती. देजा वू है...
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*तस्वीर: मानव की 'निर्मल और मैं' श्रृंखला से… धुन्ध से उठती धुन मेरी शेल्फ़ निर्मल वर्मा देजा वू “जिया! मुझे लगता है पहले भी मेरे साथ ये सब घट चुका है।
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झ. प्रसिद्ध अंग्रेजी कवि लार्ड टेनीसन व गद्यकार चार्ल्स लिखित निम्न अंश देजा वू की भावना को अभिव्यक्त करते हैं-:कुछ-कुछ है या कि लगता है, रहस्यमयी रोशनी सा मुझे छूता है।
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अशिक्षित गँवई मजदूर, देहाती भाषा और परवेश उसे कुछ पहचाना सा लगा-“ देजा वू! ” पिछले १ ५ मिनट की घटनाएं उसकी आँखों के सामने तांडव कर रही थीं।
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वाह बहुत ही खूबसूरत, नयनाभिराम चित्र! उडुपी के बारे में आज ही थोडा से जन पाया जबकि नाम से तो ऐसा लगता है की इससे जन्म जन्मान्तर का कोई रिश्ता है-आपके विवरण ने तो देजा वू सा उत्पन्न कर दिया! यह क्रेडिट आपको है या जगह को तय नहीं कर पा रहा! जरा विस्तार से फुरसत में मेल भेजें कैसे बनारस से जाया जाय!