नगर सीमा बाहर होते-होते बेबस नगरी में गहरी रूचि लेने वाले एक पत्रकार ने ऊँट से पूछा “ अरे ऊँट भाई! इन कुत्तो के साथ तुम क्यों भागे जा रहे हो? ” हांफते हुए ऊँट बोला “ दोहरा संकट है पत्रकार भाई! पकडे जाने पर मुझे ही सिद्ध करना होगा कि मैं कुत्ता नहीं हूँ।
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अनूप भाई, आप जितने विशालहृदय हैं, उतने ही महामना भी हैं | मेरा भी यही विचार है कि आरक्षण का विरोध न किया जाय बल्कि आरक्षण को लागू करने के तरीके में सुधार की माँग की जानी चाहिये | आरक्षण का फायदा यदि सम्पन्न जातियाँ और पिछडी जातियों के सम्पन्न लोग लेते हैं तो यह दोहरा संकट है-इससे अनारक्षितों को तो घाटा होता ही है, असली घाटा असल में पिछडे लोगों को ही होता है;