पर आप जैसा विद्वान् तथाकथित शर्मनिरपेक्षवाद (माफ़ करना-धर्मनिरपेक्षवाद) का चस्मा पहन कर भारत के इतिहास को खंगारता है तो यही सब सामने आता है.
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दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के विद्वान प्रोफेसर मुकुल केसवन का कहना है, ' मेरा मानना है कि ' भारतीय ' धर्मनिरपेक्षवाद पश्चिमी धर्मनिरपेक्षवाद की अवधारणा के विपरीत है।
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दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के विद्वान प्रोफेसर मुकुल केसवन का कहना है, ' मेरा मानना है कि ' भारतीय ' धर्मनिरपेक्षवाद पश्चिमी धर्मनिरपेक्षवाद की अवधारणा के विपरीत है।
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जयप्रकाश जनता दल पार्टी विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान में पूर्ण आस्था तथा निष्ठा रखेगी और समाजवाद, धर्मनिरपेक्षवाद एवं लोकतंत्र के सिद्धान्तो पर भारत की एकता, प्रभुसत्ता और अखण्ड़ता बनाए रखेगी।
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और उसके पालनकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने धर्मनिरपेक्षवाद की हिफाज़त करने और भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के बहाने कांग्रेस पार्टी का समर्थन करने की लाईन जारी रखी।
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देश के भीतर और बाहर सब तरह की उत्तेजनाओं के बावजूद भी भारत यदि अब तक धर्मनिरपेक्षवाद पर डटा है, तो उसका एकमात्र कारण हिन्दू परम् परा और हिन्दू मानस ही है, जिसे वे दिन-रात कोसते रहते हैं।
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वे पहले ऐसे राजनेता थे जिन्होंने सामाजिक न्याय को धर्मनिरपेक्षवाद के साथ मिश्रित किया. जब ' मंडल कमीशन ' कमंडल (तथाकथित राम मंदिर आन्दोलन) की भेंट चढ़ गया तब उनके सामाजिक न्याय के द्रष्टिकोण को भारी चोट पहुँची.
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हालाँकि इस तरह का विरोध पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है बल्कि यह धर्म के एक नए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण और खुलेआम पूछताछ करने का एक आधार तैयार करता है और एक अधिकारी के रूप में चर्च के मुक्त विचार और पूछताछ का समर्थन करता है जिसकी वजह से मुक्ति धर्मशास्त्र जैसे खुले दिमाग वाले और सुधारवादी आदर्शों का परिणाम देखने को मिला जिसने आंशिक रूप से इन धाराओं और धर्मनिरपेक्षवाद, अज्ञेयवाद, भौतिकवाद और नास्तिकता जैसी धर्मनिरपेक्ष और राजनीतिक प्रवृत्तियों को अपनाया.
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हालाँकि इस तरह का विरोध पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है बल्कि यह धर्म के एक नए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण और खुलेआम पूछताछ करने का एक आधार तैयार करता है और एक अधिकारी के रूप में चर्च के मुक्त विचार और पूछताछ का समर्थन करता है जिसकी वजह से मुक्ति धर्मशास्त्र जैसे खुले दिमाग वाले और सुधारवादी आदर्शों का परिणाम देखने को मिला जिसने आंशिक रूप से इन धाराओं और धर्मनिरपेक्षवाद, अज्ञेयवाद, भौतिकवाद और नास्तिकता जैसी धर्मनिरपेक्ष और राजनीतिक प्रवृत्तियों को अपनाया.