7 मेरी आंखें शोक से बैठी जाती हैं, और मेरे सब सताने वालों के कारण वे धुन्धला गई हैं॥
22.
निर्वात-रास्ते ठहरे हुए हैं, सूर्य भी धुन्धला गया, दिन बुनती हूँ तो रात की चादर बनता जाता है!
23.
इस बीच देसी मूल्यों के पश्चिम में धुन्धला जाने और इससे माता-पिता-सन्तान की खींचातानी और कुण्ठा पर दो क़िस्से पढ़े पिछले दिनों।
24.
दीपक में तेज प्रकाश तो है पर उसकी आंखें धुन्धला सी गयी है आँखों से दीपक की रोशनी पीने की कोशिश करती है.
25.
9 और जिस में ये बातें नहीं, वह अन्धा है, और धुन्धला देखता है, और अपने पूर्वकाली पापों से धुल कर शुद्ध होने को भूल बैठा है।
26.
ऐसा कह कर आप उन की शाइन को धुन्धला कर रहे हैं, जो वास्तव में अपनी मेहनत से, अपने बल बूते पर चमक रहे हैं-और ऐसे लोगों की अपने देश में कमी नहीं।
27.
चाहो तब भी नही...............और न चाहो तब भी नही.......................और पता नही कब हम इतनी दूर निकल आते है की जब हम पीछे मुड कर देखते है तो बस एक धुन्धला सा साया ही नज़र आता है और धीरे धीरे वो भी काल चक्र में कही लुप्त हो जाता है.........................
28.
‘मीत ' उसका गम उसका गम क्यों वो चेहरा धुन्धला सा नज़र आने लगा है हमें अपना होते हुए भी बेगाना लगने लगा है हमें क्यों बैठे ही बैठे कहीं डूब जाते हैं हम ना होती किसी की चाहत ना किसी का गम बस एक झलक को उसकी तरस जाते हैं हम ये सोचते ही सोचते उसके गम डूब जाते हैं हम............. सुमन ‘ मीत ' जीवन राग कुछ दिनों के बाद इस ब्लॉग को शुरू किये एक साल हो जायेगा ।